आंखों से लक्ष्य न ओझल हो, गिर कर उठने का साहस हो। आंखों से लक्ष्य न ओझल हो, गिर कर उठने का साहस हो।
ध्यान में मेरे गुरुदेव तुम हो... ध्यान में मेरे गुरुदेव तुम हो...
भारत भूमि में जन्मा हूँ मां के कोख का ऋणी हूँ, भूमि है कर्मवीरों की कहानी है बलिदानो भारत भूमि में जन्मा हूँ मां के कोख का ऋणी हूँ, भूमि है कर्मवीरों की कहा...
मधुर वाणी झलकती है, संस्कार उपजे इसी धरती से, मधुर वाणी झलकती है, संस्कार उपजे इसी धरती से,
इस कविता के माध्यम से कवि ने, पुष्प के रूप, में उन अनगिनत, बिना पहचान वाले, बिना समाज की नजरों में आ... इस कविता के माध्यम से कवि ने, पुष्प के रूप, में उन अनगिनत, बिना पहचान वाले, बिना...
बचपन से सीखा था हमने मां धरती को करना नमन, रोई भी थी बचपन में क्योंकि सपनों में धरती र बचपन से सीखा था हमने मां धरती को करना नमन, रोई भी थी बचपन में क्योंकि सपनों म...